नवरात्रे की पूजा के लिए सामग्री
माता के लिए चकोर चौकी, माता की मूर्ति, गंगा जल, धूपबत्ती, अगरबत्ती, देसी घी का दीपक, 5 ताजे फल, फूल मालायें, पंच मेवा का
प्रसाद (काजू, बादाम, किशमिश, मिश्री, फूल मखाने, गोला), आप बताशे भी ले सकते है, अक्षत (चावल), लोंग का
जोड़ा, देसी घी, 5 हल्दी की गांठ, माता के वस्त्र और श्रंगार का सामान, माता की लाल
रंग की चुन्नी, कपूर, पंचामृत (कच्चा दूध, शहद, गंगा जल, दही, चीनी), गाय के गोबर
के उपले, हवन सामग्री, कलावा, सिन्दूर, पान के पत्ते, मिठाई, कन्याओं को देने के
लिए उपहार, इलाईची, जायफल, जल का लोटा |
कैसे हो माता के नवरात्रों की पूजा , Navratri Mata ki Puja Vidhi , माता की चौकी का फेस किस तरफ होना चाहिए |
नवरात्रे की पूजा का विधि विधान :-
जिस भी
कमरे में आपका पूजा का मन्दिर है उस कमरे में गुलाबी, हरा या हल्के पीले रंग की
सफेदी करायें ताकि आपके घर के मन्दिर
सकारात्मक उर्जा का आगमन हो | नौ रात्रों में हमारा घर ही नहीं हमारे आस पास का माहौल
भी भक्तिमय हो जाता है | हमें उसी दिशा में माता का मन्दिर अथवा चौकी लगानी चाहिए
जिस दिशा में इनका निवास स्थान होता है| माँ भगवती की पूजा करते समय हमारा मुख उत्तर
या पूर्व दिशा में होना चाहिए| अगर आप चाहे तो उत्तर पूर्व दिशा के वास्तु ज़ोन में
लकड़ी या प्लास्टिक का पिरामिड रहने से आपका भगवती दुर्गा का ध्यान करने में आसानी
रहेगी ओर आपका ध्यान भटकेगा नही | पूजा
करने से पहले आप हल्दी या सिन्दूर से स्वस्तिक चिन्ह बनाए | और साथ में ताम्बे के लोटे में जल भरे और उसमें गंगा जल और
थोडा सा प्रसाद भी डाले | लोटे के कंठ में कलावा बांधे और कुमकुम से तिलक करे | सबसे
पहले साफ आसन पर बैठ कर जल से तीन बार शुद्ध आचमन करे : ॐ केशवाय नम:, ॐ माधवाय
नम:, ॐ नारायणाय नम: फिर हाथ में जल लेकर हाथ धो ले | उसके बाद हाथ में अक्षत और
फूल लेकर मुठ्ठी बंद कर के भगवती का ध्यान करे |
फिर लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का कोरा कपड़ा बिछायें और उसके ऊपर माता की मूर्ति
रखे और इस मन्त्र का उचारण करे
आगच्छ त्वं महादेवि। स्थाने
चात्र स्थिरा भव।
यावत पूजां करिष्यामि तावत त्वं
सन्निधौ भव।।
माँ दुर्गा को
स्नान के लिए गंगा जल अर्पित करे
फिर माता भगवती के श्री चरणों में अक्षत (चावल)
और कनेर के फूल अर्पित करे
माता भगवती को आसन अर्पित करे |
मां दुर्गा जी को देसी घी अर्पित करे |
मां दुर्गा जी को गाय का दूध अर्पित करे |
माँ गौरी को शक्कर अर्पित करे |
मां दुर्गा जी को दही अर्पित करे |
मां दुर्गा जी को फूल अर्पित करे |
माँ भगवती को पंचामृत अर्पित करे |
मां दुर्गा जी को शहद अर्पित करे |
मां भवानी जी को इत्र अर्पित करे
माँ भगवती को अर्पित करे
मां दुर्गा जी को दूर्वा अर्पित करे |
मां दुर्गा जी को
फूल माला अर्पित करे |
माँ भगवती को कलावा
अर्पित करे |
मां दुर्गा जी को वस्त्र अर्पित करे |
माँ भगवती को फल अर्पित करे |
हाथ धोकर माँ भगवती को मिठाई का भोग लगाये |
ताम्बुल (सुपारी, लौंग, इलाईची, और पान ) अर्पित करे |
इसके बाद गाय के उपले की अंगारी बना ले | एक कटोरी हवन सामग्री में देसी घी डाल कर मिला ले | उसके बाद अंगारी के ऊपर हवन सामग्री अर्पित करे फिर घी अर्पित करे उसके बाद घी में पंच मेवा का प्रसाद मिला कर अंगारी पर अर्पित करे | फिर आप कपूर को हवन सामग्री के चारों तरफ एक एक रखो और उसमे अग्नि प्रज्वलित करे और फिर उसके बाद आप एक चम्मच में घी ले कर लौंग का जोड़ा रख कर माँ भगवती का ध्यान करते हुए अग्नि को समर्पित करे |
आगच्छ त्वं महादेवि।
स्थाने चात्र स्थिरा भव।
यावत पूजां करिष्यामि
तावत त्वं सन्निधौ भव।।
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Navratri being a nine-day long festival, a range of dishes are prepared during this occasion.
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